सोनीपत के सुरेंद्र ने प्लास्टिक की ईंटों से बनाया आलीशान मकान, सस्ती और टिकाऊ तकनीक का अनूठा उदाहरण
जानिए कैसे सोनीपत के सुरेंद्र ने प्लास्टिक की ईंटों से आलीशान मकान बनाया, जो न केवल सस्ता है बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।
सोनीपत के सुरेंद्र ने प्लास्टिक की ईंटों से बनाया आलीशान मकान, सस्ती और टिकाऊ तकनीक का अनूठा उदाहरण
खेत तक, चंडीगढ़, सोनीपत के निवासी सुरेंद्र ने अपनी काबिलियत और कला का एक उदाहरण पेश करते हुए प्लास्टिक की ईंटों से आलीशान मकान बना दिया। यह मकान देखने में भी खूबसूरत है, बल्कि टिकाऊ और काफी सस्ता भी है। सुरेंद्र का यह मकान देखने में पूरी तरह मिट्टी की ईंटों से बने घर जैसा ही लगता है लेकिन इसकी खास बात यह है कि इसमें इस्तेमाल की गई ईंटें प्लास्टिक से बनी हैं। सुरेंद्र ने इन ईंटों का उपयोग सिर्फ घर बनाने में ही नहीं किया बल्कि उन्होंने मेज, बेड और अन्य घरेलू सामान भी इन्हीं ईंटों से तैयार किया है। उनका यह प्रयोग पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि प्लास्टिक की ईंटें न केवल रिसाइकिल किए गए प्लास्टिक से बनती हैं, बल्कि ये बेहद टिकाऊ भी हैं।
प्लास्टिक की ईंटों का उपयोग कई और कार्यों में किया जा सकता है। सुरेंद्र का मानना है कि इन ईंटों का इस्तेमाल स्कूल, झोपड़ी, कैफे, और छोटे-छोटे मकानों में भी किया जा सकता है। यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहाँ पारंपरिक ईंटों की कमी होती है या निर्माण की लागत अधिक होती है।
प्लास्टिक की ईंटों से बने मकान की लागत पारंपरिक मिट्टी की ईंटों से बने मकानों के मुकाबले काफी कम होती है। ये ईंटें बारिश, तूफान, और तेज धूप का सामना करने में सक्षम होती हैं, जिससे मकान सालों साल तक सुरक्षित रहता है। इसके अलावा इन ईंटों की सस्ती कीमत इसे गरीब वर्ग के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाती है, जिन्हें कम लागत में घर की जरूरत होती है।
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